.post-body { -webkit-touch-callout: none; -khtml-user-select: none; -moz-user-select: -moz-none; -ms-user-select: none; user-select: none; }

कविता : आदमी के करीब रहते हुए

मंगलवार, 17 जुलाई 2012

!, मुझे तभी तक अच्छा लगा
जब तक मैं समझता रहा कि
केवल मुझे ही हक़ है
मुँह उठा के बोल देना का
कुछ भी / किसी को भी
बगैर यह देखे कि
मेरा सच उसके दिल को चीर के निकलेगा कहीं
या तोड़ देगा उसके विश्वास को
कि सच होता है, अब भी ?
 
धीरे-धीरे
मुझे, यह समझ आने लगा कि
सच!
अक्सर तकलीफ पहुँचाता है
अब, हर खुशी में तलाशता हूँ 
झूठ पहले
या जब भी किसी ने कहा मेरे सामने
अपना सच!

ई बार
मुझे धोखा हुआ है
आईने के सामने कि
मैं जो देख रहा हूँ वो सच! है?
और हर बार
मुझे यूँ लगा कि
आईना भी सीख गया है
झूठ बोलना
आदमी के इतने करीब रहने का
कुछ तो असर हुआ होगा
------------------------------
मुकेश कुमार तिवारी
दिनाँक : 25-ऒक्टोबर-2011 / समय : रात्रि 12:05 / घर

13 टिप्पणियाँ

समयचक्र ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति....आभार

17 जुलाई 2012 को 11:31 am बजे
समयचक्र ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति....आभार

17 जुलाई 2012 को 11:31 am बजे
सदा ने कहा…

भावमय करते शब्‍दों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।
कल 18/07/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


'' ख्वाब क्यों ???...कविताओं में जवाब तलाशता एक सवाल''

17 जुलाई 2012 को 12:30 pm बजे
vandana gupta ने कहा…

बेहद गहन अभिव्यक्ति

17 जुलाई 2012 को 1:05 pm बजे

आइना सीखा या हम खुद नहीं नान्ना चाहते की आइना सच कहना चाहता है ... आखिर वो सच कडुवा भी तो होता है तीखा भी तो होता है ... गहरी रचना ..

17 जुलाई 2012 को 4:56 pm बजे

कभी लगता है कि स्पष्ट कह देना कम घातक होता है..

18 जुलाई 2012 को 10:20 am बजे
कविता रावत ने कहा…

झूट-सच का रिश्ता ही अनूठा है
बहुत बढ़िया भावपूर्ण रचना ..

18 जुलाई 2012 को 7:34 pm बजे
Vinay ने कहा…

बहुत ऊर्जित किया है इस कविता ने!

20 जुलाई 2012 को 4:40 pm बजे

आप सभी का धन्यवाद, आपकी प्रतिक्रियाएं मेरा हौंसला बढ़ाती हैं।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

9 अगस्त 2012 को 11:03 pm बजे
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है. 9 अगस्त 2012 को 11:08 pm बजे
Asha Joglekar ने कहा…

वाह । आईना भी.......

20 सितंबर 2012 को 9:43 pm बजे