कविता सदा ही अपने आस-पास से प्रेरणा देती रही है मुझे, मेरी बिटिया " अदिती " एक दिन मेरी शिकायत मुझसे से ही करती है कि मैंने क्यों उसको लेकर कुछ नही लिखा आज तक? यह कविता इस शिकायत के बाद लिखी है कि वह ऐसा क्यों महसूस करती है, कि मुझे छोटी बिटिया "श्रेया" से ज्यादा प्यार है । यूँ तो यह कविता पिछले एक वर्ष से इंतजार कर रही थी, आज ठीक एक साल रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर इसे अदिती को तोहफे के रूप में प्रस्तुत करते हुये मुझे बड़ी खुशी हो रही है।
आपका समर्थन मुझे प्रोत्साहित करेगा,
मुकेश
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वो
मेरी जिन्दगी में कब आई?
कुछ पता ही नही चला
जैसे दोपहर की झपकी हो
या भोर का ख्वाब
मैं,
ना जाने कैसे अंजान रहा
ना कभी उसके बारे में कुछ सोचा ना लिखा
ना कभी उसे देख पाया उसकी पहचान से
वो, जैसे घुल आई हो मिश्री की तरह मिठास में
वो,
किसी खामोश वादियों में
गूँजते संगीत सी हरदम थी मेरे साथ/
किसी नदी की कलकल सी/
दौड़ती रही मेरी रगों में अपनी पहचान से मुक्त
वो,
गुमसुम सी लड़की
जिसका पास होना ही
बड़ी बात समझा जाता हो
और वो पास होती है फर्स्ट क्लास
नकारते सारे अनुमान को
वो,
जो रो देती है किसी भी बात पर
चाहे भैया बीमार हो या मुझे चोट लगी हो
छोटी ने मारा हो उसे या गुनी ने नोचा हो
या किसी ने कुछ कह दिया हो
वो,
जब मुझसे करती है शिकायत
मैं क्यों नही लिखता कोई कविता उस पर?
ऐसा उसे क्यों लगता है कि
उसे नोटिस किये जाने की जरुरत है?
भला कोई अपने ही हिस्से को भूलता है कभी?
मैं आज समझाउंगा उसे।
-------------------------
मुकेश कुमार तिवारी
दिनांक: 05-अगस्त-08 / 07: 05 सुबह / चुनमुन की शिकायत पर
आपका समर्थन मुझे प्रोत्साहित करेगा,
मुकेश
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वो
मेरी जिन्दगी में कब आई?
कुछ पता ही नही चला
जैसे दोपहर की झपकी हो
या भोर का ख्वाब
मैं,
ना जाने कैसे अंजान रहा
ना कभी उसके बारे में कुछ सोचा ना लिखा
ना कभी उसे देख पाया उसकी पहचान से
वो, जैसे घुल आई हो मिश्री की तरह मिठास में
वो,
किसी खामोश वादियों में
गूँजते संगीत सी हरदम थी मेरे साथ/
किसी नदी की कलकल सी/
दौड़ती रही मेरी रगों में अपनी पहचान से मुक्त
वो,
गुमसुम सी लड़की
जिसका पास होना ही
बड़ी बात समझा जाता हो
और वो पास होती है फर्स्ट क्लास
नकारते सारे अनुमान को
वो,
जो रो देती है किसी भी बात पर
चाहे भैया बीमार हो या मुझे चोट लगी हो
छोटी ने मारा हो उसे या गुनी ने नोचा हो
या किसी ने कुछ कह दिया हो
वो,
जब मुझसे करती है शिकायत
मैं क्यों नही लिखता कोई कविता उस पर?
ऐसा उसे क्यों लगता है कि
उसे नोटिस किये जाने की जरुरत है?
भला कोई अपने ही हिस्से को भूलता है कभी?
मैं आज समझाउंगा उसे।
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मुकेश कुमार तिवारी
दिनांक: 05-अगस्त-08 / 07: 05 सुबह / चुनमुन की शिकायत पर
18 टिप्पणियाँ
ओह ..! कितनी खुशनसीब बिटिया है ...! आपने आँखें नम कर दीं ..! इस प्यारी-सी कविता का तोहफा ताउम्र उसके साथ रहेगा...उसे भी नही पता चलेगा...जब बिना किसी आहट के उसके जीवन में कोई आएगा...
4 अगस्त 2009 को 2:49 pm बजेमेरी तरफ़ से उसे अनेक शुभकामनायें !
मैंने अपनी बिटिया को याद करते हुए ,लिखी एक कविता याद आ गयी ...उसने तो शायद सुनी या पढी भी नही ...लेकिन मै उसे आपके लिए पोस्ट करना चाहती हूँ ..
4 अगस्त 2009 को 2:57 pm बजेhttp://kavitasbyshama.blogspot.com
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http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
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मेरी लाडली.....
4 अगस्त 2009 को 3:00 pm बजेतुझसे जुदा होके,
जुदा हूँ,मै ख़ुद से ,
यादमे तेरी, जबभी,
होती हैं नम, पलकें मेरी,
भीगता है सिरहाना,
खुश रहे तू सदा,
साथ आहके एक,
निकलती है ये दुआ!
Kavita pooree nahee hai..
betiya khud hi pyar leti hai....may god bless her,boht khoobsurat kavita...
4 अगस्त 2009 को 3:00 pm बजेकविता कुछ बेहद निजी, अन्तरंग अनुभवों की दुनिया में टॉय ट्रेन सी छुक-छुक ले जाती है......
4 अगस्त 2009 को 3:08 pm बजेबंधुवर,
4 अगस्त 2009 को 3:32 pm बजेबेहद मासूम, नर्म-नाज़ुक फूलों-सी कविता का उपहार आप अपनी बिटिया को तो दे ही रहे हैं, हम सुधीजनों को भी अपनी कोमल भावनाओं में बहाए लिए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, मुझे भी अपनी पुरानी डायरी के पन्ने पलटने को उकसा रहे हैं, उस कविता को पढने के लिए जिसे मैंने अपनी छोटी बेटी के लिए पच्चीस साल पहले लिखा था. प्रायः इसी मासूम सवाल के जवाब में.... लेकिन डायरी पटना में पड़ी है ! अब तो वहां जाकर ही पढूंगा.
हुए न हम समानधर्मी ? सप्रीत...
बहुत खूबसूरत कविता लिखी है आपने तो प्यारी बिटिया के लिये.
4 अगस्त 2009 को 4:23 pm बजेbitiya ke liye aapne bahut khoobsoorat kavita likhi hai.........abhi bachchi hai isliye antrang bhavon ko nahi janti jab badi ho jayegi tab samajh jayegi aapke bhav aur is kavita ke bhav bhi.
4 अगस्त 2009 को 4:50 pm बजेअब उनको पता चलेगा कि क्यों नहीं लिखते थे उनके लिए कविता । बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति । बिटिया को मेरे तरफ बहुत बहुत ......ढेर सारी शुभकामनाएं ! जीवन में नित्य नई ऊँचाईयों को छुए ईश्वर से यही प्रार्थना है ।
4 अगस्त 2009 को 4:55 pm बजेaapane mujhe rula diya .......aapake kawita ke bhaaw itane komal hai ki jisame shabd aatama ka rup liya hai yaha shabd nahi dikha rahe hai sirf aawaaj aa rahi hai ..........bahut hi behatarin ......aasha hai bitiya ki shikayat bhi dur ho jayegi .......yugo yugo tak aap dono ka pyar aise hi kayam rahega yahi dil se duaa bhi nikal rahi hai
4 अगस्त 2009 को 5:18 pm बजेaabhar
om arya
बहुत सुन्दर रचना है
4 अगस्त 2009 को 6:34 pm बजे---
1. चाँद, बादल और शाम
2. विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
प्रियवर,
4 अगस्त 2009 को 8:54 pm बजेआपकी टिपण्णी से आनंदित हुआ. पिछले डेढ़ महीने से दिल्ली प्रवास में हूँ. अंपनी उसी बिटिया के पास, जिसका जिक्र पहले कर चुका हूँ. पटना पहुचकर उत्खनन में डायरी मिल गई, तो वह कविता आप तक जरूर पहुँचेगी, वादा रहा !
और हाँ, आपकी बेटी को आशीष देना तो रह ही गया ! उसे मेरा ढेर सारा स्नेह और आशीर्वाद दें ! सप्रीत...
bhut hi pyari kavita pyrisi bitiya ke liye .
5 अगस्त 2009 को 2:49 am बजेbetiya sachhi hoti hai
bikul un ki lachhi (komal)hoti hai
abhar
बहुत सुन्दर रचना...बिटिया
5 अगस्त 2009 को 1:12 pm बजेप्यारी सी बिटिया के लिए प्यारी सी रचना...... दिल को छूने वाली............ कुछ शिकायेत, कुछ मनुहार करती रचना.......... सच में बच्चे कितना सुख देते हैं बिना मांगे............ अच्छी रचना है ........ रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें...........
5 अगस्त 2009 को 3:20 pm बजेअति सुन्दर, मन को छूती रचना
5 अगस्त 2009 को 5:46 pm बजेBhai,
6 अगस्त 2009 को 5:18 pm बजेMera Aashirwad Bitia ko.
Jeetendra
वो,
11 अगस्त 2009 को 9:30 pm बजेगुमसुम सी लड़की
जिसका पास होना ही
बड़ी बात समझा जाता हो
और वो पास होती है फर्स्ट क्लास
नकारते सारे अनुमान को
कितनी अजीब सी बात है न माता पिता के लिए बच्चे एक से होते हैं पर न जाने क्यों इस तरह से बच्चे महसूस करते हैं ...मेरे घर में भी यही बात अक्सर हो जाती है :)इसी तरह से मैंने भी कई बार अपनी बात यूँ कविता में समझाई है और वह उनके पास महफूज है लिखा हुआ ..आपका लिखा हुआ भी यह अनमोल है जो वह अक्सर याद करती रहेगी ...बहुत ही प्यारी रचना है जो मुझसे कहीं पढने से चुक गईथी पर आपका लिखा हुआ मैं मिस नहीं करती सो यह भी पकड़ में आ ही गयी ..बिटिया को बहुत बहुत प्यार और शुभकामना
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